एक भाई का दर्द
जल्दी से तू आ जा जी भईया
आ गेलो रक्षाबंधनमाँ ।
हथवा में बांधबो हम रखीया
लिलरा पर चंदनमाँ ।
साथ में खीलईबो जी भईया
मेवा और मिष्ठानमाँ ।
सासु-ननदीया जी भईया
मारऽहई हमरा तनमा ।
आशा लगइले हम हलीयो
भईया अइतन अगनमाँ ।
रहबो हम सहल जी भईया
करबो तोरे धेयनमां ।
जबले हम बांधबो न रखीया
करबो न जलपनमा ।
कइसे हम अईयउ गे बहिनी
लगल हउ लौकडउनमा ।
रोजी-रोटी छीनी रे लेलकऊ
ई मुझौसा कोरोनमा ।
पैसा-कौड़ी खतम हो गेलऊ
कैसे देबऊ नज़रनमा ।
बुरा मत मानिहँ गे बहिनी
समऽझीहँ सिचुएशनमा ।
नीके-सुखे रहीहँ गे बहिनी
कर लिहँ जलपनमा ।
अगला साल अईबऊ गे बहिनी
बचतउ जो जनमाँ ।
रखीया तो बांधीये हम लेबऊ
लगतउ न मनमा ।
कइसे हम अईयउ गे बहिनी
लगल हउ लौकडउनमा ।
रक्षाबंधन पर भाई-बहन के बीच फोन पर संवाद (मगही गीत)