तुमसे पहली मुलाकात हुई, आँखों ही आँखों में बात हुई। चाँद को जैसे देखे चकोर, देखता रहा मैं तेरी ओर। क्या आसमां क्या ज़मीं, देखा नहीं तुझ सा हसीं। फिज़ाओं में रंगत छा गई, तू जैसे ही मुस्कुरा गई। चला गया मेरा चैन करार, रहने लगा हर पल बेकरार। उड़ गई नींद मेरी रात की, असर थी पहली मुलाकात की। मैंने लिया तुम्हें अपना मान, दे दिया अपना दिल और जान। मुझे लगा हमें हो गया प्यार, तोड़ा भरम तूने करके इनकार। तुम-बिन भला मैं कहाँ पूरा ? रह गया मेरा इश्क़ अधूरा, रह गया मेरा इश्क़ अधूरा।