तेरा इंतजार

बीते हुए लम्हों में
अक्सर तेरी याद आ ही जाती है
न जाने क्यों…?
न जाने क्या ऐसा मेरा बन्धन है
सोनू बिन अधूरा सब कुछ अधूरा लगता है
ज्यों चाँद बिना चकोर
स्वाति की बूंदें बिन पपीहा
युग बीते अंखियाँ मिले
मोहब्बतें अंगड़ाइयाँ लेती रहीं।

यूँ तो उन्हें सब पता है
कितनी दफा उनको समझाया
मैं सिर्फ और सिर्फ तेरा हूँ
फिर भी तुमको समझ न आया
नीर भरे बादल नही नयन मेरे
फिर भी उमड़ घुमड़ के बरस ही जाता है
कोई प्याला नही है हृदय मेरा
फिर भी अश्रुजल भर आया
दिल भी ये सोच कर है परेशान
इतना प्यार आखिर कहाँ से आया!

रचनाकार नहीं हूँ,
शब्दों को पिरोता हूँ
कविता नहीं अपनी बातों को रच रहा हूँ
एक आशा और विश्वास के साथ
तेरे प्यार में सब कुछ
समर्पित करना चाहता हूँ
बस एक प्यास है बाकी
है एक प्यास
तुम्हें अपना बनाने की।

वादा है
जिद है
इल्तिजा है आज भी
आखरी साँसे टूट जाने के बाद भी
तुमसे प्यार था,
है और रहेगा॥