बहुत मुश्किल
आ जाये खट्टास जो रिश्तों में
मिठास लाना, बहुत मुश्किल।
मर ही चुके हों जब जज्बात
उनको जिलाना, बहुत मुश्किल।
रिश्तों में जो आई एकबार दरार
पाट उसे पाना, बहुत मुश्किल।
रहें ना जिन रिश्तों में अहसास
उनको निभाना, बहुत मुश्किल।
टूट ही चुके हों जो रिश्ते-नाते
फिर जुड़ पाना, बहुत मुश्किल।
पटरी से उतर गए रिश्तों को
पटरी पर लाना, बहुत मुश्किल।
पैदा होने लगे गर खर पतवार
छुटकारा पाना, बहुत मुश्किल।
हो जाए जो सर पे भूत सवार
उसे उतार पाना, बहुत मुश्किल।
रिश्ते बना लेना तो होता आसां
उन्हें निभाना, बहुत मुश्किल।
फंस गये जो पुलिस के चंगुल में
निकल पाना, बहुत मुश्किल।
हाथ कानून के होते इतने लम्बे
बच उनसे पाना, बहुत मुश्किल।
उतर जायें जो दिल से एक बार
फिर से बिठाना, बहुत मुश्किल।
सच तो सच रहता बदलता नही
झूठों से झुठलाना, बहुत मुश्किल।
दे दिया धोखा एक बार जो तूने
विश्वास फिर पाना, बहुत मुश्किल।
जनता की सुने नही जो सरकार
सत्ता फिर पाना, बहुत मुश्किल।
खोटा सिक्का चल जाये एक बार
बार बार चल पाना, बहुत मुश्किल।
कानून सख्त से सख्त दिये बना
अपराधों का रुक पाना, बहुत मुश्किल।