सहा नही जाता

सच पूछो तो अब सहा नही जाता
कैद हो यूँ घर में, रहा नहीं जाता।
न कहीं पे जाना न किसी का आना
बीत रहे दिन कैसे, कहा नही जाता।

न ख़ुशी न गम में शामिल हो पा रहे
रूखा दौर ऐसा तो, सहा नहीं जाता।
धो धो हाथ पतली है हालत हाथों की
हो गए कैसे बदरंग, कहा नही जाता।

पहन पहन मास्क घुटन सी होने लगी
कब तक लेंगें सांस, कहा नही जाता।
आखिर कोई कब तक जिये यूँ जिंदगी
कट के दीन दुनिया से, रहा नही जाता।

कब निजात मिलेगी कोरोना वायरस से
बेबसी का आलम अब, सहा नही जाता।
खून का प्यासा लगता ये बेरहम वायरस
रहेगा जब तक, खून में नहा नही जाता।

दो गज़ की दूरी गई बन सख्त मज़बूरी
अपनों से यूँ दूर दूर अब, रहा नही जाता।
है कुदरत का कहर या किसी का षड्यंत्र
बिना जांच पड़ताल के, कहा नही जाता।

हे देवताओं ! तुम्हीं दिलाओ निजात इससे
वैक्सीन आने के भरोसे, रहा नही जाता।