प्रकृति के सौन्दर्य का जीवंत चित्रण

शोभनीय रूप रंग रंगीली काया

कल्पना तेरी करने मे मेरा मन भाया । 

 

हरियाली सी है तेरी काया

तेरी हर अदा पर मन है आया। 

 

सुंदरता तेरी मनमोहक धरा को भायी।

धरा भी खिल खिलायी । 

 

पशु पक्षी मनुष्य सबको भायी तेरी काया।

तेरे हर परिवर्तन शील व्यवहार पर मन है आया। 

 

सर्व संसार मे तू है छायी

तेरी वजह से मानव प्रजाति आयी।

 

प्रकृति कर रही हूँ तेरी पुकार 

तेरे अस्तित्व से बना संसार। 

 

कैसे करूँ शब्दों मे तेरी व्याख्या

तूने हमेशा हमारा साथ निभाया।