अध्यापक रूपी ईश्वर रेणु शर्मा शिक्षक के हर गुण भाव मे, निश्छलता और स्वाभिमान।ईश्वर रूपी गुरु तुम्हें कोटि-कोटि प्रणाम ।।कराते सत्य और धर्म से अवगत।आदर्शों पर चलना सिखाते ऐसे होते शिक्षक।।माँ देती जन्म हमें, पिता करते रक्षा।जो मानवता का पाठ पढ़ाती वो होती है शिक्षा।।गुरु के बिना ज्ञान नही, ज्ञान के बिना कोई महान नही।जो सच्ची राह पर चलना सिखा दे, उससे बड़ा गुरु नही ।।सत्य की राह मे चलना सिखाते, इंसानियत का पाठ पढ़ाते ।हम थे कोरे कागज, शिक्षक ही हमें अनमोल बनाते।।