जल बना जानी दुश्मन

नदी नाले उफान पर जिंदगी खतरे के निशान पर
लहरों का प्रहार है, नदिया हुई विकराल है
लोग हुए बेहाल हैं।

नदियों का रौद्र रूप सब बहाने को बेताब है
खेत-खलिहान और आसियान सब पानी-पानी है
लहरों का प्रहार है, नदिया हुई विकराल है
लोग हुए बेहाल हैं।

जो जहां है वहीं फंसा हुआ है
आसमान से बरसती आफत है
लहरों का प्रहार है, नदिया हुई विकराल है
लोग हुए बेहाल हैं।

बाढ़ में डूबा-डूबा सा आधा हिंदुस्तान है
टूटा पहाड़,सड़क पर सैलाब,नदियों में उफान है
लहरों का प्रहार है, नदिया हुई विकराल है
लोग हुए बेहाल हैं।।

पानी मे डूबे भक्त और भगवान है
रेगिस्तान बना जलिस्तान है, इसका कारण स्वयं इंसान है
लहरों का प्रहार है, नदिया हुई विकराल है
लोग हुए बेहाल हैं।