मुझसा एक न पाओगी

कर ले चाहे लाख कोशिशें मुझको भूल न पाओगी
लाखों ढूँढ़ोगी दुनिया में मुझसा एक न पाओगी ।

प्यार बहुत करता हूँ तुमसे कैसे तुम्हें बताऊं मैं
दिल में है तस्वीर तुम्हारी कैसे तुम्हें दिखाऊं मैं
मुझसे दूरी लाख बना लो याद तुम्हें तड़पायेगी
तेरे लब चूमे थे मैंने पल वो कैसे भुलाओगी
रोओगी तुम बहुत अकेले जब तन्हा रह जाओगी ।
लाखों ढूँढ़ोगी दुनिया में मुझसा एक न पाओगी ।

तेरी आँखों के मोती मैं अपनी पलकों पे रखता हूँ
ऐसा गीत हूँ हरदम ही जो तेरे अधरों पे सजता हूँ
विरह चैन लेने न देगा गीत कोई जब गाओगी
भुला सकोगी कैसे मुझको गीत मेरे ही गाओगी
याद तुझे हर पल आऊंगा कैसे मुझे भुलाओगी ।
लाखों ढूँढ़ोगी दुनिया में मुझसा एक न पाओगी ॥