कुछ दिन की बीमारी है

तबियत की लाचारी है
कुछ दिन की बीमारी है।

साँसे थमती चलती हैं
खेल तमाशा जारी है।

कल की उसकी बारी थी
कल की उसकी बारी है।

दुनियाँ भर की पाबंदी
कितनी मारा मारी है।

पहला यही करिश्मा है
अब तो खुली पिटारी है।

देखो जादू कुदरत का
सारी दुनियाँ हारी है।