सुनिए(नज़्म)

सवाल किया है तो जवाब भी सुनिए
दबी आवाज़ों का इंक़लाब भी सुनिए ।

सिर्फ सिखाते ही मत रहिए बच्चों को
उन की निगाहों का ख्वाब भी सुनिए ।

कितना रोक सकेंगे नदी को बाँधों में
बलखाती पानी का रूबाब भी सुनिए ।

सब कुछ लिख डाला अमीरों के नाम
एक दिन गरीब का अभाव भी सुनिए ।

मर्द होके हर बात पे परेशाँ हो जाते हैं
सहमी हुई औरत का दबाव भी सुनिए ।

किस तरह से तुमको अच्छा ही सुनाए
हम से कभी तो कुछ खराब भी सुनिए ।