माटी भारत की
माटी भारत की अबीर गुलाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी,
इससे शोभित है देश का भाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी।
सांसों में महकें तन मन पुलकित,
भारत माँ छवि सीने पर अंकित,
तिलक सजाते हैं बाल गोपाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी।
एक-दूजे का माथा सजाएं,
गले मिलें एक जुट बंध जाएं,
देश प्रेम की जलाएं मशाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी।
सुभाष भगत आजाद सब आए,
माटी की खातिर खून बहाए,
देश के सपूत बने हैं मिसाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी।
वंदन करें हम शूरवीरों को,
जो झेल गए हैं शहतीरों को,
कुर्बान होकर किया है कमाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी।
लिपट तिरंगा शहीद जब आए,
धरती का मस्तक तनता जाए,
धन्य-धन्य हिंद के जीवट लाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी।
कर लें ‘श्री’ वंदन बारम्बार,
चीर के सीना बने तलवार,
आजादी से किया मालामाल,
सौंधी-सौंधी खुशबू चंदन सी।