स्वाधीनता सरिता श्रीवास्तव 'श्री' स्वाधीन हिंद दीवाने, आजादी के परवाने,सिर से कफ़न बांधा,दासता को तोड़ने।दिल्ली चलो दिया नारा,करो मरो हिंद प्यारा,दांडी मार्च बापू करें,कानून को तोड़ने।तुम मुझे खून दे दो,मुझसे आजादी ले लो,परदेश बोस गए,हिंद फौज जोड़ने।भारत भी आजाद है,‘श्री’ माटी भी आबाद है,शहीदों के मेले चलें,हर वर्ष वंदने।