माता-पिता तुम मेरे, जीवन के सहारे तुम बिन मेरे सारे, सपने अधूरे। हाथों मे हाथ लेकर, मुझे चलना सिखाया अंगाई गाके मुझे अपनी, गोद मे सुलाया। लगती थी भूख मुझे, अपने हाथों से खिलाया संग मेरे खेल के, बचपन को हँसाया। मैं पड़ता बीमार, तुम्हें रातों को जगाया तुम्हारे बिना खुद को, अकेला ही मैंने पाया। माता-पिता तुम मेरे, जीवन के सहारे तुम बिन मेरे सारे, सपने अधूरे।