सोच को बदल
तू अपनी सोच को बदल,
मंजिल तुझे मिल जायेगी।
तेरे जूनून को देखकर,
हवा भी मुस्कुरायेगी।
इरादे तेरे नेक हैं,
जन्नत भी मिल जायेगी।
तू अपनी सोच को बदल,
मंजिल तुझे मिल जायेगी।
भले अन्धेरा हो घना,
तू हैं अंगारों से बनी।
हौसला मन में रख,
तू विजेता कहलायेगी।
तू अपनी सोच को बदल,
मंजिल तुझे मिल जायेगी।
रुक ना तू कभी हारकर,
बैठ ना मन को मारकर।
तू खुद पर ही विश्वास रख,
जीत तेरी हो जायेगी।
तू अपनी सोच को बदल,
मंजिल तुझे मिल जायेगी।
खुदा उसी को चुनता है,
जो सपने खुद के बुनता है।
तेरे लिये दुनिया भी,
अपना शीश झुकायेगी।
तू अपनी सोच को बदल,
मंजिल तुझे मिल जायेगी।
तेरे जूनून को देखकर,
हवा भी मुस्कुरायेगी।
इरादे तेरे नेक हैं,
जन्नत भी मिल जायेगी।
तू अपनी सोच को बदल,
मंजिल तुझे मिल जायेगी।