कुछ करके दिखाना है

संकल्प है ये आज मेरा
कि कुछ बनके नहीं
कुछ करके दिखाना है
दुनियाँ चाहे कुछ भी कहे
सबकी बातों को भूल कर
अपनी मंजिल पर जाना है।

निराशा बहुत मिलेगी मंजिल की राह में
निराशा को आशा के दीप से जलाना है।
क्योंकि आज संकल्प है ये मेरा
कि कुछ बनके नहीं
कुछ करके दिखाना है।