निराश

निराश अगर तुम
तो मुस्कुराहट को
अपने अंदर ही पा लेना।

विफल हो जब तुम
अपनी हर चाह में
अपनी विफलताओं में ही कहीं
सफलता को पा लेना।

उम्मीद की किरण
जब लगे बहुत दूर
तब तुम भरोसे की उम्मीद
अपने अंदर ही पा लेना।

अच्छे वक़्त का सब्र करना
और असफल होने पर
सफलता के लिए
कड़ी मेहनत करना
और तोड़ देना अपने हौंसलों से
उस चट्टान को
जो तुम्हारे रास्ते में आए
और चल पड़ना
अपनी मंजिल के
सफर की ओर।