आदमी ही आदमी को प्यार क्यों करता नही सुखवीर चौधरी 'शिखर' आदमी ही आदमी को प्यार क्यों करता नही,आदमी क्यों आदमी के वास्ते मरता नही।आदमी का ख़ून पानी से भी सस्ता हो गया,आदमी क्यों आदमी को मार कर डरता नही।आदमी ही आदमी को कर रहा घायल यहाँ,आदमी क्यों आदमी के घाव अब भरता नही।आदमी अब भूख से लाचार हो कर मर रहा,आदमी क्यों आदमी का पेट अब भरता नही।आदमी ही आदमी को खा रहा है लूट कर,आदमी क्यों अब ख़ुदा से भी यहाँ डरता नही।