सुनीता गोंड

कविता अभिव्यक्ति का एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा मन की भावनाओं को सुन्दरता से व्यक्त किया जा सकता है। कोई भी रचना सिर्फ एक रचना नही होती बल्कि वह रचनाकार की स्वतंत्र कल्पना होती है जिसे प्रदर्शित करने के लिए वह अपनी लेखनी को माध्यम बनाता है।अंतर्द्वंद्व,विचार और कल्पना को जीवन्त करने का प्रयास करता है।जब एक कवि या लेखक की अपनी कल्पना साकार रूप में द्रष्टा या श्रोता तक पहुँचती है और सराही जाती है तभी रचनाकार को अपार सुख की अनुभूति होती है।

परिचय

पिता का नाम-श्री नंदू राम गोंड
माता का नाम- श्रीमती ममता सिंह गोंड
जन्म तिथि-21.01.1989
पता- कोशलपुरी कांलोनी, बी० एच० यू० वाराणसी, उत्तर प्रदेश
शिक्षा- परास्नातक, बनारस हिंदू युनिवर्सिटी
साहित्यिक परिचय- अन्य पत्र पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन, तीन साझा संकलन, ‘मातृभूमि’, ‘माँ की महिमा’, ‘कविता के प्रमुख हस्ताक्षर’ प्रकाशित। प्रकाशित एकल काव्य संग्रह ‘पलाश’।
साहित्य के क्षेत्र में विभिन्न सम्मान सम्मान पत्रों से सम्मानित। वर्तमान में कविता के प्रमुख हस्ताक्षर के लिए ‘निराला सम्मान’ से सम्मानित।

सुनीता गोंड की रचनाएं

  1. तल्ख मौसम
  2. प्रारब्ध
  3. उठाओ कलम
  4. ठेले वाला
  5. ख्वाहिश
  6. गुलशन
  7. वसुंधरा
  8. दीदार
  9. बसन्तोत्सव
  10. देव नदी गंगा
  11. माँ की महिमा
  12. प्रवासी मजदूर
  13. तू कविता कहता चल
  14. मुकम्मल कर दो
  15. उसने ही रूला दिया
  16. चहक
  17. ना है इनका कोई मोल
  18. किसकी है ये ख़ता
  19. मातृ सुख
  20. याद बहुत ही आता है
  21. निज आशा का संचार करो
  22. ईद मुबारक
  23. सुलगते जज़्बात
  24. अधखिले पुष्प की अभिलाषा
  25. मधुर मिलन
  26. उद्देश्य
  27. एक विचार
  28. आँसू
  29. बात
  30. उदास ना हुआ करो
  31. समय
  32. प्रिय की बाहों का हार मिले
  33. हार मानूँगी नही
  34. मातृभूमि
  35. नयी सदी का भारत
  36. हम काशी के वासी
  37. हिंदी हो खास (हाइकू)
  38. कैसे वह राग जुटाऊं मैं
  39. दस्तूर
  40. युग का निर्वाहक
  41. अस्तांचल
  42. बोलती कविता
  43. अनन्तता
  44. स्वप्निल आँखे
  45. मैं चाहती हूँ
  46. भूख की उदासी
  47. प्यासी नदी
  48. तलाश
  49. विरह प्रणय