उदास ना हुआ करो सुनीता गोंड ऐसे उदास ना हुआ करोहर बात को दिल से ना लिया करो,दिल में बसते है ख़्वाब अनेकदिल को बेवजह दुःख ना दिया करो।कभी अपनों से भी गिला किया करोउन्हे भी अपने गम में शामिल किया करो,खुशियाँ तो हर कोई बाँट लेता हैकभी गम भी बाँटने की जिद किया करो।हर दिन एक अरमान सा जगाया करोअपने हँसी का गुलिस्ताँ लुटाया करोभीगे कितने भी ज़ख्म दरियाओं के चोट सेउन ज़ख्मों को अपनों से ना छुपाया करो।