आज की मांग सुशीला गुप्ता 'गजपुरी' आज शुद्धता की नहीं,शीघ्रता की मांग है ।आज नम्रता की नहीं,उग्रता की मांग है ।आज मानवता की नहीं,पशुता की मांग है ।आज शिक्षा की नहीं,साक्षरता की मांग है।आज पवित्रता की नहीं,पतिता की मांग है ।आज योग्यता की नहीं,भोक्ता की मांग है।