बस अब और नही

बहुत हो चुका ऐ खुदा
बस अब और नही
बहुत हो चुकी अब मेरी परीक्षा
बस अब और नही।

जन्म से लेकर मरण तक
जीवन के हर पल हर कदम तक
परीक्षाओं का दौर नही
बहुत हो चुका ऐ खुदा
बस अब और नही।

हवस के शिकारी
आते हैं नजर
हर गली हर मोड़ पर
बेखौफ घूमे वो
अब ये दौर नही
बहुत हो चुका
बस अब और नही।

देना पड़ेगा उन्हें हरजाना
कब तक सहन करेगा जमाना
बहुत हो चुका ऐ खुदा
बस अब और नही।