स्पर्श

तेरा प्यारा सा स्पर्श
आज भी याद आता है माँ
नही हो,
पास होने का अहसास कराता है माँ
जब किसी दिन उदास हो जाती हूँ
जीवन संघर्ष में खो जाती हूँ
संघर्ष से बाहर ले आता है माँ
तेरा प्यारा सा स्पर्श
आज भी याद आता है माँ।

जब दिखता है अंधेरा जीवन में
जब लगता नही मन किसी काम में
हर उलझन से निकाल लाता है माँ
तेरा प्यारा सा स्पर्श
आज भी याद आता है माँ।

जब बच्चों को डाँट लगाती हूँ
या कोई जीवन की कहानी सुनाती हूँ
प्यार से जब गले लगाती हूँ माँ
तेरा प्यारा सा स्पर्श
आज भी याद आता है माँ।

जब अंधेरे से कभी घिर जाती हूँ
जब अकेला अपने आप को पाती हूँ
तेरा प्यार से सहलाना याद आता है माँ
तेरा प्यारा या स्पर्श
आज भी याद आता है माँ।