कैसे कह दूँ कि मैं अब उदास रहता हूँ फिर भी हर खुशी के पास ही रहता हूँ जख्म दिल के सीने में छुपाकर रखता हूँ हर गम को खुशी की आड़ मे रखता हूँ मेरे चेहरे पर ना जाओ यूं ही दिखता है हर खुशी के पीछे एक गम तो बिकता है ।
थी हर खुशी इस चेहरे पर जब प्यार नही था जब हुआ तो बहुत हुआ पर एतबार नही था ठुकरा दिया हर उस शख्स ने जिसे दिल दिया फिर समझ एक मिट्टी का खिलौना उसे तोड़ दिया झूठ फरेब दिखावा लिए हर कोई यहां बसा है कर ना एतबार, प्यार के जाल में हर शख्स फंसा है करना है प्यार तो कर उसे जिसे कोई स्वार्थ नही आता है मुझे तो लगता है बस दुनियां में वो भगवान पिता माता हैं।