सांता

सांता आया सांता आयासबके लिए खुशियां लाया,
रंग बिरंगे सितारों में बच्चों के लिए तोहफ़ा लाया।

बच्चों के रोने पर अमीर माँ बाप खुद तोहफ़ा लाते है,
बच्चों को बहलाने के लिए सभी से झूठ बुलवाते है।
तो एक गरीब बच्चा भूख से तड़पता दूर खड़ा है,
सर्द हवा ठिठुरती सर्दी से बेहाल एक कोने पड़ा है।
क्या हम सांता बन उनको खुशियां दे पाते हैं कभी,
कीमती तोहफ़ा ना ला के को दो रोटी दे पाते हैं कभी।

नंगे बदन गरीब पर एक चादर गर्म डाल देना तुम
सांता बन एक साथ सारी खुशियाँ बांट लेना तुम
बन जाओगे तुम ‘राजन’ सभी के कहलाओगे राजा
तब सांता बजायेगा दे तोहफा, हर तरफ खुशी का बाजा।