तौहीन कर गया सीमा वर्मा 'अपराजिता' हद को छोड़कर पलकों के दामन पे आ गिरातेरा इश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया।थी खामोश कब से ग़मों का समुन्दर लिए हुएमेरा आँसू इस समुन्दर को नमकीन कर गया। है समां तेरे इश्क़ का मेरे रूबरू मेरे हमनशींतसव्वुर में खो गया मेरा दिल तेरे अब जानशींतेरे प्यार का हर एक निशां ये समां गमगीन कर गया। ये उदासियाँ, ये तन्हाईयाँ, ये इश्क़ की हैं निशानियाँतू दूर है जब से सनम, है दूर मुझसे मेरी परछाईयाँक्यों दिल मेरा ये इश्क़ का ज़ुर्म संगीन कर गया।तेरा इश्क़ मेरे सब्र की तौहीन कर गया।