माँ भारती के धानी परिधान के लिए

भारत की आन,बान,शान के लिए
इसकी स्वतंत्र पहचान के लिए,
शूली पे चढ़ गए वीर कितने
माँ भारती के धानी परिधान के लिए।

संस्कृति देश की अखण्ड करने
दुश्मनों का बल खण्ड -खण्ड करने,
थाम ली हाथ में क्रांति की मशाल।
माँ भारती के अटल स्वाभिमान के लिए।
माँ भारती के धानी परिधान के लिए।

शस्य -श्यामल पावन धरा को अपने
रक्त धार से सिंचित लाल करने,
बाँध सर पे कफ़न चल पड़े थे क़दम;
प्राण अपने देश के नाम करने,
शत-शत नमन ऐसे बलिदान के लिए।
माँ भारती के अमर जवान के लिए।
माँ भारती के अटल स्वाभिमान के लिए।
माँ भारती के धानी परिधान के लिए।